Kal Sarp Dosh Nivaran Mantra: कालसर्प दोष निवारण मंत्र कालसर्प योग लिए मंत्र

महामृत्युंजय मंत्र: (Maha Mrityunjaya Mantra)

अर्थ: हम त्रिनेत्र वाले भगवान शिव की पूजा करते हैं, जो सभी जीवों को सुगंधित फल प्रदान करते हैं और जीवन को पोषण देते हैं। जैसे ककड़ी पककर बेल से अलग हो जाती है, वैसे ही हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त करें और अमरत्व प्रदान करें।

नाग गायत्री मंत्र: (Naag Gayatri Mantra Lyrics)

अर्थ: हम उन नौ कुलों के सर्पों को जानते हैं, जिनके दांत विषैले होते हैं। हम उनकी प्रार्थना करते हैं कि वे हमें प्रेरित करें और हमें सुरक्षा प्रदान करें।

काल सर्प दोष मंत्र: (Kaal Sarp Dosh Mantra)

अर्थ: पृथ्वी, आकाश और स्वर्ग में जितने भी सर्प हैं, उन सभी को हमारा नमस्कार हो। हम सभी सर्पों का आदर करते हैं और उनकी प्रार्थना करते हैं कि वे हमें सुरक्षा प्रदान करें।

अनंत काल सर्प मंत्र: (Anant Kaal Sarp Mantra)

अर्थ: अनंत, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कंबल, शंखपाल, धार्तराष्ट्र, तक्षक और कालिया, इन सभी महान सर्पों को हमारा प्रणाम हो।

राहु मंत्र: (Rahu Mantra)

अर्थ: हम राहु को प्रणाम करते हैं। “भ्रां” बीज मंत्र है जो राहु के प्रभाव को शांत करता है।

केतु मंत्र: (Ketu Mantra)

अर्थ: हम केतु को प्रणाम करते हैं। “स्रां” बीज मंत्र है जो केतु के प्रभाव को शांत करता है।

नाग पंचमी मंत्र: (Nag Panchami Mantra)

अर्थ: अनंत, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कंबल, शंखपाल, धार्तराष्ट्र, तक्षक और कालिया, इन सभी महान सर्पों को हमारा प्रणाम हो।

सर्प मंत्र: (Sarp Mantra)

अर्थ: हम सर्प देवता को प्रणाम करते हैं।

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